Tuesday, 6 April 2010
मेरा संक्षिप्त परिचय
एक छोटी सी कोशिश सोये हुए जज्बातों को...
तो भाई लोगो शुरू कर रहे हैं अपना सफरनामा हम आज से इस हिंदी ब्लॉग्गिंग में... इस उम्मीद से की आप सब लोगो को साथ मिलेगा और मै अपनी इस कोशिश के ज़रिये अपने और इस देश के जिन्दा लोगो के मरे हुए जज्बातों को सामने रख सकू.
शीर्षक, हो सकता है थोडा अटपटा लगे आप लोगो को पर ये सच्चाई है आज के युग की. अधिकतर लोग जिंदा तो हैं, पर जज़्बात मर चुके हैं. सोचते और हांकते दुनिया भर की बातें है, पर जब करने की बात आती है तो सब कन्नी काट जाते हैं.
अगर आप खुद को मेरी इस परिभाषा मै पाते हैं, तो शर्माईये मत, मै भी आप मै से ही एक हूँ. सोचता बहुत हूँ, लेकिन आज तक, समाज, देश के लिए कुछ किया नहीं. खेर....
आज के लिए बस इतना ही. धीरे धीरे रंग मै आयूंगा. हो सकता है थोड़ी कडवाहट भी निकले.
तो भाई लोगो दिल खोल के स्वागत करो हमारा अपनी ढेर सारी टिप्पणियों से.
राज
तो भाई लोगो शुरू कर रहे हैं अपना सफरनामा हम आज से इस हिंदी ब्लॉग्गिंग में... इस उम्मीद से की आप सब लोगो को साथ मिलेगा और मै अपनी इस कोशिश के ज़रिये अपने और इस देश के जिन्दा लोगो के मरे हुए जज्बातों को सामने रख सकू.
शीर्षक, हो सकता है थोडा अटपटा लगे आप लोगो को पर ये सच्चाई है आज के युग की. अधिकतर लोग जिंदा तो हैं, पर जज़्बात मर चुके हैं. सोचते और हांकते दुनिया भर की बातें है, पर जब करने की बात आती है तो सब कन्नी काट जाते हैं.
अगर आप खुद को मेरी इस परिभाषा मै पाते हैं, तो शर्माईये मत, मै भी आप मै से ही एक हूँ. सोचता बहुत हूँ, लेकिन आज तक, समाज, देश के लिए कुछ किया नहीं. खेर....
आज के लिए बस इतना ही. धीरे धीरे रंग मै आयूंगा. हो सकता है थोड़ी कडवाहट भी निकले.
तो भाई लोगो दिल खोल के स्वागत करो हमारा अपनी ढेर सारी टिप्पणियों से.
राज
Subscribe to:
Posts (Atom)